दास्तां
न तहक़ीकात के मुश्किल सवालों के जवाबों में ।। न तहरीरों में , दस्तावेजों में , ना तो हिसाबों […]
न तहक़ीकात के मुश्किल सवालों के जवाबों में ।। न तहरीरों में , दस्तावेजों में , ना तो हिसाबों […]
जबसे तूने कर दिया हमको नज़र अंदाज़ हम , इक परिंदा होके भूले जाऍं सच परवाज़ हम ।। जी […]
जिसने ये मुझसे क़सम खाकर कहा , वो मेरा कमबख़्त जिगरी यार है ।। इस क़दर कि मेरी ख़ातिर […]
पुत्रियाॅं पुत्रों से बढ़कर हो रही है सिद्ध सब ।। आ रहा है शीघ्र ही वह युग विवाहों में […]
अपनी पीड़ाऍं किसी को मत बताना ।। शोक में तो बन विदूषक खिलखिलाना ।। लोग उड़ाते हैं हॅंसी दुखियों […]
वो छुपकर बादलों की ओट से सुंदर सी इक लड़की , मेरी दो बूॅंद भर की याचना पर अपने […]
उससे बिछड़े यों कई साल हुए जाते थे , उससे दूरी का मगर सख़्त अभी भी ग़म था ।। […]
हसीनों की मोहब्बत ने तुम्हें पूरा मिटाया है ।। हैं हम जो कुछ , उन्हीं की बेवफाई ने बनाया […]
अब तेरी नज़रों में मैं कुछ भी नहीं , तू निगाहों को मेरी नाचीज़ है ।। ना मैं तेरी […]
अजनबी क्या , ग़ैर क्या , दुश्मन तलक जाकर , गर मैं चाहूॅं तो यक़ीं कर , जुड़ भी […]