■ मुक्तक : 8 – सर्दियों में ज्यों सुलगती Posted on January 27, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments सर्दियों में ज्यों सुलगती लकड़ियाँ अच्छी लगें ॥ जैसे हँसती खिलखिलाती लड़कियाँ अच्छी लगें ॥ मुझको मौसम कोई हो जलता-जमाता-भीगता , बंद कमरे की खुली सब खिड़कियाँ अच्छी लगें ॥ -डॉ. हीरालाल प्रजापति 5,581