■ मुक्तक : 11 – आज़माइश Posted on January 28, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments फ़र्ज़ , क़ायदा-ओ-क़ानून निभाने में उस्ताद हूँ मैं ।। सख़्त उसूलों की ज़ंजीरों से जकड़ा इक आज़ाद हूँ मैं ।। ख़ूब आज़माइश झुलसाकर , ठोंका-पीटी कर करलो , मोम नहीं हूँ आला दर्ज़े का लोहा-फ़ौलाद हूँ मैं ।। -डॉ. हीरालाल प्रजापति 3,959