■ मुक्तक : 38 – जब सच्चाई कहने Posted on February 10, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments जब सच्चाई कहने हम मज्बूर हुए थे ॥ सच बदनामी की हद तक मशहूर हुए थे ॥ दुनिया भर में जितने भी थे सच्चे-झूठे , मेरे सारे दोस्त क़रीबी दूर हुए थे ॥ -डॉ. हीरालाल प्रजापति 4,259