■ मुक्तक : 41 – ग़रीबी में करारी Posted on February 11, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments गरीबी में करारी नोट-गड्डी याद आती है ॥ लगी हो भूख तो कुत्ते को हड्डी याद आती है ॥ बुढ़ापे में मुझे बचपन कुछ ऐसे याद आता है , कि जैसे भीड़ में नंगे को चड्डी याद आती है ॥ -डॉ. हीरालाल प्रजापति 5,157