■ मुक्तक : 45 – बस इक ख़्वाब Posted on February 12, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments बस इक ख़्वाब मुझ सँग बुनो कहते कहते ॥ मोहब्बत को मुझको चुनो कहते कहते ॥ न फिर भी तवज्जोह पायी उधर से , जिन्हेंं मर गया मैं सुनो कहते कहते ॥ -डॉ. हीरालाल प्रजापति 3,554