■ मुक्तक : 51 – महबूबा महँगी हुई Posted on February 14, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments ( चित्र Google Search से साभार ) महबूबा महँगी हुई और बड़ी शौक़ीन ॥ दिखने में अति श्याम पर स्वप्न सभी रंगीन ॥ आशिक़ ऐसे कर रहा हर फ़र्माइश पूर्ण , अपना चश्मा बेच उसे सौंप रहा दुर्बीन ॥ -डॉ. हीरालाल प्रजापति 3,795