■ मुक्तक : 52 – हर पल हर इक Posted on February 14, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments हर पल हर इक ओर तुम्हीं को , ढूँँढती निगाहें ॥ मेरा इक – इक गाम तुम्हारी , नापता है राहें ॥ कब सरतापा इश्क़ में मेरे , तर बतर हो सीने , फैलाए आओगे तुम अपनी , नर्म – नर्म बाहें ? -डॉ. हीरालाल प्रजापति 4,561