■ मुक्तक : 62 – विवाहित हूँ Posted on February 20, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments विवाहित हूँ मगर दिल से अभी तक चिर कुँवारा हूँ ।। अभी भी इश्क़ फ़र्माने को पचपन का अठारा हूँ ।। बुझाने से भड़क उठती है मेरी प्यास और उस पर , कहीं पानी नहीं मिलता गुटकते थूक हारा हूँ ।। -डॉ. हीरालाल प्रजापति 4,666