■ मुक्तक : 65 – काट लो मेरी गर्दन Posted on February 21, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments काट लो मेरी गर्दन को तलवार से ।। कर लो जी भर ग़ुसुल ख़ून की धार से ।। जो भी करना है खुलकर करो हाँ मगर , नाजुकी से बहुत और बड़े प्यार से ।। -डॉ. हीरालाल प्रजापति 1,625