■ मुक्तक : 73 – आँखों को जो Posted on February 24, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments आँखों को सुकूँ दे जो वही दीद , दीद है ।। चंदन का बुरादा भी दिखे वर्ना लीद है ।। जिस ईद मिले ग़म है मुहर्रम वो जश्न भी , जिस क़त्ल की रात आए ख़ुशी अपनी ईद है ।। -डॉ. हीरालाल प्रजापति 4,554