■ मुक्तक : 76 – दिन रात ख़यालों का Posted on February 26, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments दिन-रात ख़यालों का सफ़र ठीक नहीं है ।। हर वक़्त उदासी का ज़हर ठीक नहीं है ।। कह दो जो है दिल में उसे अपनों से , जहाँँ से , घुट-घुट के तो जीवन का बसर ठीक नहीं है ।। -डॉ. हीरालाल प्रजापति 4,223