■ मुक्तक : 77 – फ़क़ीरी में जो ख़ुश Posted on February 26, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments फ़क़ीरी में जो ख़ुश मत उसको धन-दौलत अता करना ॥ मोहब्बत के तलबगारों को मत नफ़्रत करना ॥ ख़ुदा क्या किसको लाज़िम है बख़ूबी जानता है तू , लिहाज़ा माँगने की मत मुझे नौबत अता करना ॥ -डॉ. हीरालाल प्रजापति 4,236