■ मुक्तक :79 – उम्र भर इश्क़ Posted on February 27, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments उम्र भर इश्क़ लगा सख़्त नागवार मुझे ।। क़ौमे आशिक़ से ही जैसे थी कोई खार मुझे ।। कितना अहमक़ हूँ या कितना हूँ बदनसीब अरे , वक़्ते रुख़्सत है हुआ इक हसीं से प्यार मुझे ।। -डॉ. हीरालाल प्रजापति 5,686