■ मुक्तक : 113 – मेरा नुक़्साँ में Posted on March 13, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments मेरा नुक़्साँ में नफ़ा हो जाता ।। गर जो मुझसे वो ख़फ़ा हो जाता ।। चाप्लूसी की ख़ुदी छोड़ अपनी , वर्ना वो उठके दफ़ा हो जाता ।। -डॉ. हीरालाल प्रजापति 4,217