■ मुक्तक : 121 – किससे बुझाऊँ आग Posted on March 17, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments किससे बुझाऊँ आग कि पानी ही जल रहा ।। करता है जो इलाज वो बीमार चल रहा ।। ग़ैरों पे एतबार की कोई बिना नहीं ? अपनों को जबकि अपना ही हँस-हँस के छल रहा ।। -डॉ. हीरालाल प्रजापति 4,459