■ मुक्तक : 123 – इस तरह मेरी Posted on March 20, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments इस तरह मेरी न कर खुल के तरफ़दारी तू ॥ हूँ गुनहगार तो कर बढ़के गिरफ़्तारी तू ॥ तेरी ईमानदारियों पे ही तो हूँ क़ुर्बाँ , फ़र्ज़ की राह पे क़ुर्बान कर दे यारी तू ॥ -डॉ. हीरालाल प्रजापति 3,351