■ मुक्तक : 125 – तस्वीर पे न जाना Posted on March 22, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments तस्वीर पे न जाना तस्वीर सच न बोले ॥ खूँख़्वार से दरिंदे भी लगते इसमें भोले ॥ इंसाँँ से मिलके भी तो अब कुछ पता न चलता , ओढ़े हैं उसने कितने चेहरे पे अपने चोले ॥ -डॉ. हीरालाल प्रजापति 5,258