■ मुक्तक : 133 – मैं कब दीद के क़ाबिल Posted on March 30, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments मैं कब दीद के क़ाबिल फ़िर भी तकते मुझे रहो !! क्यों करते हो मुझे प्यार इतना ज़्यादा कहो-कहो ? मेरी शक़्ल पे पड़ जाती भूले भी अगर नज़र , दुनिया करती है छिः छिः बस तुम वा-वा अहो-अहो !! -डॉ. हीरालाल प्रजापति 4,556