■ मुक्तक : 148 – जब भी कहा Posted on April 11, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments जब भी कहा था तुमने दीदार तब कराया ।। जो भी कहा वो मेरी आँखों को झट दिखाया ।। मेरी हर इक तमन्ना के क़द्रदान तुमने , मुझसे न चाहा कुछ सब अपना ही बस लुटाया ।। -डॉ. हीरालाल प्रजापति 3,741