■ मुक्तक : 149 – न लिखें मौलिक Posted on April 11, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments ना लिखें मौलिक न कुछ रचनात्मक रोचक ॥ जिनको देखो बन रहे गंभीर आलोचक ॥ दूसरों को तो दिखाते फिरते आईने , ख़ुद की गौरिल्लाओं सी सूरत करे भौचक ॥ -डॉ. हीरालाल प्रजापति 3,438