■ मुक्तक : 153 – बस एक बार दिल में Posted on April 12, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments बस एक बार दिल में तेरे पालूँ जगह मैं ।। ये शहर क्या है दुनिया कर दिखा दूँ फ़तह मैं ।। बन जाऊँ तेरा जिन्न तुझको आक़ा बना लूँ , हर हुक़्म फिर बजाऊँ ख़ुश हो ठीक तरह मैं ।। -डॉ. हीरालाल प्रजापति 3,740