मुक्तक : 154 – अपनी चुन-चुन के Posted on April 12, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments अपनी चुन-चुन के हर इक पूरी रज़ा करते हैं ।। काम कुछ ऐसे किये हैं कि मज़ा करते हैं ।। सख़्त बचते हैं बुराई से बुरे लोगों से , जो भी करते हैं बहुत ठोक-बजा करते हैं ।। -डॉ. हीरालाल प्रजापति 3,258