■ मुक्तक : 159 – जितना खट्टी कैरियों Posted on April 14, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments जितना खट्टी कैरियों का मीठे साँटों का लगा ॥ प्यार में चुंबन के सँग औचित्य चाँटों का लगा ॥ गौर मुख पर श्याम तिल जैसे लगाता चाँद चौ , पुष्प उद्यानों में यों अस्तित्व काँटों का लगा ॥ -डॉ. हीरालाल प्रजापति 6,650