■ मुक्तक : 164 – मेरी आँखों को Posted on April 17, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments मेरी आँखों को सुकूँ चैन-ओ-क़रार मिले ॥ मौत से पहले बस इक दीद तेरा यार मिले ॥ दुखता दिल राहत-ओ-आराम पा ही जाए अगर , बोसा होठों का गले बाज़ुओं का हार मिले ॥ -डॉ. हीरालाल प्रजापति 4,248