■ मुक्तक : 176 – मेरी जो मोहब्बत Posted on April 22, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments मेरी जो महब्बत का है क़िस्सा यों समझ ले ॥ लेते ही जनम मर गया बच्चा यों समझ ले ॥ करता ही रहा इश्क़ पे मैं इश्क़ मुसल्सल , खाता ही रहा पै ब पै धक्का यों समझ ले ॥ -डॉ. हीरालाल प्रजापति 6,236