■ मुक्तक : 192 – दुनिया की हर ख़ुशी Posted on May 3, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments ( चित्र Google Search से साभार ) दुनिया की हर ख़ुशी समेट , ग़म को पीट-पाट ॥ कैसी हो ज़िंदगी को चाह , दिल से चूम-चाट ॥ हालात सामने खड़े हों , कितने भी ख़िलाफ़ , जीने से डर न कर खड़ी दे , मौत की तू खाट ॥ -डॉ. हीरालाल प्रजापति 4,213