■ मुक्तक : 196 – जिससे कोई न Posted on May 5, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments जिससे कोई न और साफ़ हो ज़माने में ॥ वक़्त उसी को लगे ज़ियादा ग़ुस्लख़ाने में ॥ जितना देखा गया ग़रीब ख़र्च में माहिर , उतना पाया गया अमीर धन बचाने में ॥ -डॉ. हीरालाल प्रजापति 4,243