■ मुक्तक : 199 – हादसा ऐसा ये Posted on May 8, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments हादसा ऐसा ये मेरे साथ कैसे घट गया ? जिसको सोचा था न सोचूँ मुझको वो ही रट गया ! जिससे चिढ़ थी दुश्मने जाँ दिल जिसे कहता रहा , उससे ही मैं आज जाकर छटपटाकर सट गया ! -डॉ. हीरालाल प्रजापति 3,237