■ मुक्तक : 204 – ठाठ से शाही Posted on May 12, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments ( चित्र Google Search से साभार ) ठाठ से शाही पलंग के नर्म गद्दों पर ॥ लोग करवट ही बदलते रहते है शब भर ॥ नींद आ जाए तो बिस्तर कौन तकता है , लोग सो जाते कँटीले पेड़ पर चढ़कर ॥ -डॉ. हीरालाल प्रजापति 5,270