■ चित्र-मुक्तक : 218 – वो यक़ीनन नहीं Posted on May 17, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments ( चित्र Google Search से साभार ) वो यक़ीनन नहीं दुश्मन वो यार होता है ॥ ऐसे चढ़कर के जो गर्दन सवार होता है ॥ आजकल इतनी बेतकल्लुफ़ी कहाँ दिखती , दोस्तों में न अबके इतना प्यार होता है ॥ -डॉ. हीरालाल प्रजापति 5,234