■ मुक्तक : 219 – हारा नहीं हूँ Posted on May 18, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments हारा नहीं हूँ चलते चलते थोड़ा रुक गया ॥ सुस्ता रहा हूँ मत समझना ये कि चुक गया ॥ हैं बेक़रार मुझको तोड़ने जब आँधियाँ , मैं भी सलामती को अपनी थोड़ा झुक गया ॥ -डॉ. हीरालाल प्रजापति 4,264