
( चित्र Google Search से साभार )
जो भी दुष्कृत्य करे उसको , हरगिज़-हरगिज़ मत माफ़ करो ।।
चुन-चुनकर उसके अपनों को , भी उसके सख़्त ख़िलाफ़ करो ।।
मिलकर सब जूते मार उसे , फिर कर औरत के नाक़ाबिल ;
तब चौराहे पर फाँसी दे , उसको दुनिया से साफ़ करो ।।
-डॉ. हीरालाल प्रजापति
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