■ मुक्तक : 223 – बछड़े के लिए Posted on May 21, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments ( चित्र Google Search से साभार ) बछड़े के लिए कुछ तो दूध छोड़ दे कट्टर ॥ कितना दुहेगा रहम भी कर गाय के थन पर ॥ बिन दाँत के बछड़े को घास अभी से परोसे , दम है तो अपने दुधमुँँहे के आगे रोटी धर ॥ -डॉ. हीरालाल प्रजापति 3,430