■ मुक्तक : 224 – अथक परिश्रम Posted on May 21, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments अथक परिश्रम पर कुछ , कुछ निष्ठा-आधृत पायीं ॥ कुछ इक बातें संयोग मात्र कुछ भाग्याश्रित पायीं ॥ कभी स्वयं बिल्ली के भागों टूट गिरे छींके , कभी कठिनता से इक मूष न कर अर्जित पायीं ॥ -डॉ. हीरालाल प्रजापति 4,412