■ मुक्तक : 233 – हुस्न में वो Posted on May 28, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments हुस्न में वो पुरग़ज़ब इंसान था ॥ उसका रब जैसा ही कुछ उनवान था ॥ शक्लोसूरत से था मीठी झील पर , फ़ित्रतोसीरत से रेगिस्तान था ॥ -डॉ. हीरालाल प्रजापति 4,465