■ मुक्तक : 244 – अंधों को Posted on June 5, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments अंधों को शाही बाग़ के दीदार का हुकुम ।। गूँगों को करने भौंरों सी गुंजार का हुकुम ।। ये उलटे हुक़्मराँँ हैं लुटेरों को न्योतते , देते निगेहबाँ को तड़ीपार का हुकुम ।। -डॉ. हीरालाल प्रजापति 3,250