■ मुक्तक : 267 – जिसने कि ख़ुद Posted on July 5, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments जिसने कि ख़ुद ही मुझको गुनहगार किया है ॥ हैरान हूँ उसी ने गिरफ़्तार किया है ! जानूँ न क्यों डुबो रहा है सूखी नहर में , नदियों से गहरी-गहरी जबकि पार किया है ? -डॉ. हीरालाल प्रजापति 5,135