■ मुक्तक : 273 – बहुत हलका मगर Posted on July 7, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments बहुत हलका मगर भारी लगे है ।। मुझे चिड़िया का पर भारी लगे है ।। तुझे क्या सर उठाऊँ जबकि अपना , धरा काँधों पे सर भारी लगे है ।। -डॉ. हीरालाल प्रजापति 4,459