■ मुक्तक : 282 – अभी धोखा नहीं खाया Posted on July 24, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments अभी धोखा नहीं खाया अभी मातम से ख़ाली है ॥ ग़ज़ल कहना तो है लेकिन अभी दिल ग़म से ख़ाली है ॥ खड़ा कर दे जो बहरों के भी कानों को वो है कहना , मगर आवाज़ अभी मेरी ये उस दमख़म से ख़ाली है ॥ -डॉ. हीरालाल प्रजापति 3,431