■ मुक्तक : 287 – क्या ख़ूब हिमाक़त Posted on July 26, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments क्या ख़ूब हिमाक़त की हमने ॥ बेशक़ ही ये ज़ुर्अत की हमने ॥ इक तरफ़ा और उस पर तुर्रा ये , दुश्मन से मोहब्बत की हमने ॥ -डॉ. हीरालाल प्रजापति 3,236