■ मुक्तक : 306 – मुझे बर्बाद करने में Posted on August 13, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments मुझे बरबाद करने में न कोई भी कसर रखना ।। अगर बच जाऊँ खाने में मिलाकर तुम ज़हर रखना ।। अगर मिलती हैं इससे ही तुम्हें खुशियाँ तो हाज़िर हूँ , मगर मर जाऊँ तो मैयत पे दो गुल , दो अगर रखना ।। -डॉ. हीरालाल प्रजापति 3,134