■ मुक्तक : 314 – जाता नहीं मैं Posted on August 19, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments मैं भूलकर भी जाता नहीं अब तो वहाँ पे ।। आती है बेपनाह तेरी याद जहाँ पे ।। वीरान दिल को कैसे मैं आबाद करूँ फिर ? फिर से बसाऊँ बस्ती मोहब्बत की कहाँ पे ? -डॉ. हीरालाल प्रजापति 3,543