■ मुक्तक : 320 – बेबस बक़ैद आस्माँ Posted on August 24, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments बेबस बक़ैद आस्माँ ज़मीं थमी लगे ॥ औरत उदास ग़मज़दा सा आदमी लगे ॥ बदहाल सी लगे तमाम मुल्क़ की फ़ज़ा , अब ये निज़ाम तो बदलना लाज़मी लगे ॥ -डॉ. हीरालाल प्रजापति 3,549