■ मुक्तक : 322 – जिसको मेरी तमन्ना थी Posted on August 27, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments जिसको मेरी तमन्ना थी उसे न मिल सका ।। लेकिन मैं उसके दिल से उम्र भर न हिल सका ।। मैं भी न उससे रहके दूर हँस सका कभी , मुरझा के मेरे हिज्र में न वो भी खिल सका ।। -डॉ. हीरालाल प्रजापति 4,148