■ मुक्तक : 369 – उसकी जिह्वा Posted on November 10, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments उसकी जिह्वा अति कटुक , अति तिक्त है ।। पूर्णतः मधु-खांड रस से रिक्त है ।। पूछने पर क्यों ? तो वह कहता है यह – दुख से वह आपाद-मस्तक सिक्त है ।। -डॉ. हीरालाल प्रजापति 4,127