■ मुक्तक : 372 – तू रक़्स करे है कि Posted on November 14, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments ( चित्र Google Search से साभार ) तू रक़्स करे है कि छटपटाये नचैया ? गाता है कि रोता है बतला मुझको गवैया ? दुनिया से अलग तेरी ज़िंदगी का भला क्यों , है तौर-तरीक़ा अलग , अजब है रवैया ? -डॉ. हीरालाल प्रजापति 3,529