■ मुक्तक : 377 – हादसों से , मुश्किलों से Posted on November 17, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments ( चित्र Google Search से साभार ) हादसों से , मुश्किलों से हर मुसीबत से ।। बच रहा हूँ बस दुआ से रब की रहमत से ।। चलते हैं सब अपने-अपने पाँव से लेकिन , मैं यक़ीनन उड़ रहा हूँ सिर्फ़ क़िस्मत से ।। -डॉ. हीरालाल प्रजापति 3,423