■ मुक्तक : 379 – कब तक भला–बुरा कहूँगा Posted on November 19, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments कब तक भला-बुरा कहूँगा मैं शराब को ? कब तक न आख़िरश छुऊँगा मैं शराब को ? जिस दौरे-ग़म से मैं तड़प-तड़प गुज़र रहा , लगता है जल्द ही पिऊँगा मैं शराब को ॥ -डॉ. हीरालाल प्रजापति 3,126