■ मुक्तक : 383 – कभी किसी ने Posted on November 23, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments कभी किसी ने , ना हुआ मुझे सराहा हो ।। किया हो दोस्ताना झूठ ही , निबाहा हो ।। कभी भी भूलकर , न याद आ रहा मुझको , किसी ने प्यार हो किया , किसी ने चाहा हो ।। -डॉ. हीरालाल प्रजापति 3,413